माचिस आज हर घरों में उपलब्ध रहता है इसका इस्तेमाल अधिकतर मोमबत्ती और अगरबत्ती जलाने में किया जाता है कई लोग माचिस का इस्तेमाल गैस चूल्हा जलाने में भी करते हैं माचिस की उपयोग को देखते हुए यह आसानी से आस पास के दुकानों में मिल जाता है।
माचिस से हर कोई वाकिफ है यहां तक कि छोटे बच्चे भी दीपावली में पटाखें फोड़ने के लिए माचिस का उपयोग करते हैं, दोस्तों माचिस के बारे में सभी भलीभांति जानते हैं कि यह जलाने के काम आता है परन्तु क्या आपको पता है कि माचिस का आविष्कार कैसे हुआ और माचिस का आविष्कार किसने किया होगा? इसके बारे में बहुत ही कम लोगों को पता होगा यदि आपको इसके बारे में जानकारी नहीं है तो आज के इस पोस्ट में माचिस से जुड़े ऐसे रोचक तथ्य आपके साथ शेयर करूंगा जिसके बारे में आपको शायद मालूम ना हो।
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माचिस के अविष्कार (इन्वेंशन) के बारे में जानकारी हासिल करने से पहले आपको जानना होगा कि माचिस क्या होता है? वैसे इसका जवाब आपको मालूम है लेकिन फिर भी मैं इसके बारे में बता देता हूं शायद आपको कुछ नया जानने को मिल जाए।
माचिस क्या होता है? - माचिस की बनावट
माचिस या माचिस बॉक्स यह एक टूल या उपकरण होता है जिसका बाहरी ढांचा कागज से बनाई गई होती है जो चौकोर तथा थोड़ा चपटा होता है, इसके अंदर तीली रखी जाती है जो छोटी लकड़ी से बनाई गई होती है इस तीली के एक ओर फास्फोरस से बनी लेप लगी होती है और जब इस तीली को किसी कठोर सतह पर रगड़ा जाता है तब चंगरी निकलती है, इसलिए माचिस के बॉक्स के बॉक्स में ही एक तल बना दिया जाता है जिस पर माचिस तीली का घर्षण किया जा सके और आग उत्पन्न हो।
अगर फास्फोरस युक्त पदार्थ से बनाई गई माचिस की तीली को किसी ठोस सतह पर रगड़ा जाए तो उसमें चिंगारी देखने को मिलती है और आसानी से अग्नि उत्पन्न नहीं होती लेकिन कब माचिस के box पर बनी पट्टी पर फास्फोरस युक्त तीली को रगड़ा जाता है तो तुरंत आज पकड़ लेता है ऐसा क्यों होता होगा? कभी सोचा है आपने? आइए इसके बाते में भी जानते हैं।
माचिस को माचिस-बॉक्स पर बनी पट्टी से घर्षण करने पर तुरंत आग कैसे उत्पन्न हो जाता है?
दरअसल माचिस के बॉक्स पर बनी पट्टी में भी ऐसा रसायन का लेप लगा होता है जिसमें फास्फोरस युक्त तीली रगड़ने से आग उत्पन्न हो जाता है, इसमें पूरी तरह से लेप नहीं लगा होता बीच बीच में गैप भी होता है ताकि तीली और सतह के बीच घर्षण अच्छे से हो और तुरंत आग जले।
माचिस का आविष्कार किसने किया और कब किया?
माचिस का आविष्कार जॉन वॉकर ने 31 दिसंबर 1827 में किया था वे ब्रिटेन के वैज्ञानिक थे उन्होंने अपने प्रयोगों द्वारा पहली बार माचिस बनाया था लेकिन यह पूरी तरह से सुरक्षित नहीं था क्योंकि उनके द्वारा बनाई गई माचिस को किसी भी पेंचदार या खुरदुरी जगह रगड़ने पर तुरंत आग पकड़ लेता था इसलिए इसे आम व्यक्ति के उपयोग के लिए सुरक्षित नहीं माना गया, इससे कई लोगोंं को हानि भी पहुंची थी।
जॉन वॉकर द्वारा निर्मित पहेली माचिस की तीली पर एंटीमनी सल्फाइड, पोटेशियम क्लोराइड और स्टार्च लगाकर बनाया जाता था जो कि किसी रेगमाल (पालिश करने का बालू लगा हुआ कागज) पर रगड़ने से तुरंत आग उत्पन्न होता था इससे कई बार छोटी विस्फोट भी हो जाती थी और उस माचिस के जलने से अधिक बदबू आती थी।
हालांकि इसका निवारण बाद में निकाल लिया गया, सन् 1832 में फ्रांस में माचिस बनाने की विधि में कुछ बदलाव किए गए माचिस बनाने के लिए उपयोग की जाने वाली एंटी मनी साइट की जगह फास्फोरस का इस्तेमाल किया गया इससे तीली के जलने से निकलने वाली बदबू खत्म हो गई। गंध की समस्या खत्म तो हो गई लेकिन एक और समस्या आ खड़ी हुई और वह यह था की फास्फोरस से बनी माचिस के तीली से विषैला धुआं निकलता था इससे माचिस की फैक्ट्री में काम करने वाले कर्मचारियों के सेहत पर भी बुरा असर पड़ने लगा था।
इस समस्या को सुधारते हुए सन 1855 में स्वीडन के वैज्ञानिक ट्यूबकर ने अन्य रासायनिक पदार्थों का उपयोग करके एक सुरक्षित माचिस बना दिया जैसे आम आदमी अपने उपयोग में ला सकें इसी माचिस का उपयोग आजकल हर घरों में किया जाता है।
जब इस प्रकार की माचिस बनाई गई तो इसे विदेशों से भारत में मंगाया जाता था फिर बाद में भारत में भी माचिस का निर्माण कार्य प्रारंभ हुआ भारत में माचिस का निर्माण 1895 में शुरू किया गया।
बता दूं की पहली बार भारत में 1927 में शिवकाशी में नाडार बंधुओ ने माचिस बनाना शुरू किया। भारत में माचिस निर्माण के लिए पहला फैक्ट्री अहमदाबाद में खोला गया था।
मिस करता हूं अब आपको पता चल गया होगा कि माचिस का आविष्कार किसने किया और भारत में माचिस निर्माण कार्य कब प्रारंभ हुआ था।
FAQ's - माचिस से संबंधित अन्य सवाल
1 माचिस की तीली के सिरे पर कौन सा केमिकल लगाया जाता है?
माचिस की तीली के सिरे पर फास्फोरस का लेप लगाया जाता है फास्फोरस बहुत ज्वलनशील होता है जिसे किसी तल पर रगड़ने प्रभाग उत्पन्न होता है, बता दूं कि फास्फोरस इतना ज्वलनशील होता है कि खुली हवा में आने पर उसमें आग उत्पन्न हो जाता है इसलिए माचिस तीली पर लगे लेप पर मिलावटी फास्फोरस लगाया जाता है।
2 माचिस की तीली कौन से पेड़ की लकड़ी से बनाई जाती है?
माचिस के तीली कई प्रकार के पेड़ों की लकड़ी से बनाई जा सकती है लेकिन सबसे अच्छी माचिस की तीली अफ्रीकन ब्लैकवुड से बनती है, माचिस बनाने के लिए आसानी से प्राप्त होने वाली जलाऊ लकड़ी का इस्तेमाल किया जाता है सामान्य जलाऊ से बनी तीली अधिक देर तक नहीं जलती है। पाप्लर नाम की पेड़ होती है इसकी लकड़ी से बनाई गई तीली भी अच्छी मानी जाती है।
3 माचिस को इंग्लिश में क्या कहते हैं?
माचिस को इंग्लिश में Match-box (मैचबॉक्स) कहते हैं।
Final Word About माचिस का आविष्कार किसने किया?
उम्मीद करता हूं आपको यह लेख पसंद आया हो इस लेख के माध्यम से मैंने माचिस का आविष्कार किसने किया और कब किया? के बारे में जानकारी शेयर की है, इस लेख को आप अपने दोस्तो के साथ शेयर कर सकते हैं।